मंडी लोकसभा चुनाव 2024 : अभिनेत्री कंगना रनौत हैं बीजेपी प्रत्याशी, कब है मतदान?

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मंडी में लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग सातवें चरण में एक जून को होगा| हिमाचल प्रदेश की चार सीटों में से एक मंडी है| बाकी तीन सीटें काँगड़ा, हमीरपुर और शिमला (आरक्षित) हैं|

मंडी इस बार वीवीआईपी सीटों में से एक है| यहाँ भारतीय जनता पार्टी ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को चुनाव में उतारा है| चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकीं कंगना मंडी की रहने वाली हैं| उनके विरुद्ध कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को उतारा है|

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को हराया था| बाद में 2021 में उनकी मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस को जीत दिलाई| वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री हैं|

मंडी लोकसभा सीट का इतिहास
मंडी लोकसभा सीट के अंतर्गत 17 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमे से 13 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं जबकि बाकी 4 सीटें – मनाली, कुल्लू, रामपुर और किन्नौर पर कांग्रेस के विधायक हैं|

साल 1951 -1952 में हुए लोकसभा चुनाव में मंडी से दो कांग्रेस सांसद चुने गए थे- राजकुमारी अमृत कौर और गोपी राम| देश के अगले चुनाव में कांग्रेस के जोगिन्दर सेन ने निर्दलीय उम्मीदवार आनंद सेन को हराकर कांग्रेस का इस सीट पर दबदबा कायम रखा|

साल 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ललित सेन ने सोशलिस्ट पार्टी की अम्बिका कुमारी को हराकर मंडी में जीत दर्ज की थी| साल 1967 में हुए आम चुनाव में ललित सेन एक बार फिर विजयी हुए|

साल 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह ने तकरीबन बहत्तर प्रतिशत वोट हासिल करके यहाँ से जीत हासिल की| लेकिन वीरभद्र सिंह इमरजेंसी विरोधी लहर में 1977 का चुनाव हार गए| उन्हें भारतीय लोकदल के गंगा सिंह ने हराया|

जनता पार्टी सरकार के गिरने के बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह एक बार फिर विजयी हुए| उन्होंने तत्कालीन सांसद गंगा सिंह को हराकर पिछले चुनाव की हार का बदला लिया|

साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 404 सीटें जीती| मंडी में कांग्रेस नेता सुखराम ने भाजपा प्रत्याशी मधुकर को एक लाख वोट से ज़्यादा के अंतर से हराया| लेकिन 1989 में सुखराम भाजपा के महेश्वर सिंह के हाथों 28,000 वोटों के अंतर से हार गए|

साल 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 232 सीटें जीती और कुछ पार्टियों के समर्थन से सरकार बनाने में सफल रही| मंडी में इस बार फिर सुखराम और महेश्वर सिंह के बीच मुक़ाबला हुआ| इस चुनाव में सुखराम ने पिछली बार का बदला ले लिया|

साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुखराम एक बार फिर विजयी हुए और भाजपा के अदन सिंह ठाकुर को हरा दिया| वहीँ दो साल बाद हुए मध्यावधि आम चुनाव में भाजपा के महेश्वर सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को हराया| सुखराम अपनी नयी पार्टी हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर लड़े लेकिन सिर्फ आठ हज़ार वोट ही हासिल कर पाए|

साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में महेश्वर सिंह एक बार फिर विजयी हुए और उन्होंने कांग्रेस के कौल सिंह को हराया| सिंह को बासठ प्रतिशत से ज़्यादा वोट मिले|

लेकिन 2004 में महेश्वर सिंह का विजयी सफर ख़त्म हो गया जब वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने उन्हें हरा दिया| साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत गए| वह मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में मंत्री बने और 2012 तक कैबिनेट में रहे| बाद में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2012 में अपनी सीट से इस्तीफ़ा दे दिया|

साल 2014 में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा यहाँ से चुनाव जीते और 2019 में फिर चुने गए|

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