लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों की वोटिंग हो गई है और पांच चरणों में मतदान होना बाकी है| उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल तीसरा राज्य है जहाँ सभी साथ चरणों में वोटिंग होगी| यहाँ पिछले 13 सालों से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी) सत्ता में है|
वाम मोर्चा के 34 साल के राज का अंत कर चुकी टीएमसी का सीधा मुक़ाबला भाजपा से है, जो फ़िलहाल राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी है| इंडिया गठबंधन का सदस्य होने के बावजूद ममता बनर्जी की पार्टी राज्य की सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है|
लोकसभा चुनाव 2024 : कांग्रेस का 1952 से 2019 चुनावों में प्रदर्शन कैसा रहा?
लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस से अलग होकर ममता बनर्जी ने 1998 में अपनी अलग पार्टी बनाई थी और नाम रखा तृणमूल कांग्रेस| उस साल हुए लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 42 में से सात सीटें मिली थी और वोट प्रतिशत 24.43 था| ममता बनर्जी, सुदीप बंदोपाध्याय और अजित कुमार पांजा टीएमसी की तरफ से चुनाव जीतने में सफल हुए थे| वहीँ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 24 सीटें जीतने में सफल हुई थी|
अगले साल यानि 1999 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी| पश्चिम बंगाल में पार्टी का वोट प्रतिशत 26.04 था जबकि त्रिपुरा में उसे 14 प्रतिशत से ज़्यादा वोट मिले थे|
2004 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनी थी| इस सरकार को वाम मोर्चा ने बाहर से समर्थन दिया था| टीएमसी ने पश्चिम बंगाल और मेघालय में एक एक सीट जीती थीं|
2009 में टीएमसी ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए 42 में से 19 सीटें जीती थी| ममता बनर्जी के अलावा सुवेंदु अधिकारी, शिशिर अधिकारी, तापस पाल, कल्याण बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार सरीखे दिग्गज नेताओं ने चुनाव जीते थे| टीएमसी कांग्रेस की यूपीए गठबंधन में शामिल हुई और ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं| तीन साल बाद ममता बनर्जी ने गठबंधन तोड़ दिया|
2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी लहर में भाजपा 282 सीटों के साथ सत्ता में आ गई| पश्चिम बंगाल में भाजपा को दो सीटें मिली| वहीँ वाम मोर्चा के राज को तीन साल पहले अंत कर मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी की टीएमसी ने 34 सीटें जीती और 39.79 प्रतिशत वोट पाई|
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ दो सीटें जीती पर बंगाल में वाम मोर्चा के कमज़ोर होने के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी बन कर उभरी| 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 22 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया| सत्ता में काबिज़ तृणमूल की सीटों की संख्या 34 से घटकर 18 पर आ गई|
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