गोरखपुर लोकसभा चुनाव 2024 : योगी आदित्यनाथ के गढ़ से रवि किशन दूसरी बार चुनावी मैदान में

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गोरखपुर में लोकसभा चुनाव का मतदान सातवें चरण में एक जून को होगा| इसके अलावा वाराणसी, जहाँ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना तीसरा चुनाव लड़ रहे हैं, वहां भी इसी तारिख को वोटिंग होगी|

गोरखपुर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से है| इस सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं- कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर नगर, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवा. यहाँ से वर्तमान सांसद रवि किशन हैं| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं| वर्तमान में वह गोरखपुर नगर से विधायक हैं|

पिछले लोकसभा चुनाव में गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में 11,84,925 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था| भाजपा के रवि किशन ने समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद को हराया था|

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गोरखपुर लोकसभा चुनाव का इतिहास

स्वतंत्र भारत में पहले आम चुनाव 1951 – 52 में हुए थे| गोरखपुर में भी पहले चुनाव उसी साल हुए थे| उस समय गोरखपुर जिला और गोरखपुर दक्षिण नाम की दो सीटें थी| गोरखपुर जिला सीट से कांग्रेस के दशरथ प्रसाद द्विवेदी 75 प्रतिशत से ज़्यादा वोट पाकर विजयी हुए थे| वहीँ गोरखपुर दक्षिण से कांग्रेस के सिंहासन सिंह ने हिन्दू महासभा के महंत दिग्विजयनाथ को हराया था| महंत दिग्विजयनाथ गोरखनाथ मठ के महंत थे|

साल 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में गोरखपुर की दो सीटें थी| यहाँ से सिंहासन सिंह एक बार फिर विजयी हुए थे और महादेव प्रसाद दुसरे सांसद के तौर पर चुने गए थे|

साल 1962 का आम चुनाव भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन का आखरी था| दो साल बाद नेहरू का निधन हो गया था और लाल बहादुर शास्त्री अगले प्रधानमंत्री बने| गोरखपुर में सिंहासन सिंह ने एक बार फिर महंत दिग्विजय सिंह को हराया था|

नेहरू और शास्त्री के बाद देश की बागडोर इंदिरा गाँधी के हाथ में आ गई थी| साल 1967 में देश में चौथे लोकसभा चुनाव हुआ और कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आ गई, लेकिन सीटें घटकर 283 हो गई| इस बार महंत दिग्विजय नाथ निर्दलीय चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी एस एल सक्सेना को हराकर लोकसभा पहुंचे|

सन 1969 में महंत दिग्विजयनाथ का निधन हुआ और गोरखनाथ के नए महंत उनके शिष्य अवैद्यनाथ बने| अगले साल हुए उपचुनाव में महंत अवैद्यनाथ विजयी हुए|

1971 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नरसिंह नारायण पांडे ने अवैद्यनाथ को हरा दिया| पांडेय को 1,36,843 वोट मिले थे जबकि महंत अवैद्यनाथ को 99,265 मत मिले|

साल 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में नरसिंह पांडे भारतीय लोकदल के हरिकेश बहादुर से हार गए| उन्हें 55,581 वोट मिले जबकि उनके भारतीय लोकदल प्रतिद्वंदी को 2,38,635 वोट मिले|

दो साल बाद 1979 के अंत में एक बार फिर लोकसभा चुनाव हुए| कांग्रेस (आई) को 353 सीटें मिली और इंदिरा गाँधी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनीं| गोरखपुर से हरिकेश बहादुर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी हुए| उन्होंने जनता पार्टी (सेक्युलर) के दीप नारायण यादव को हराया|

साल 1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस को 404 सीटें मिली| गोरखपुर में कांग्रेस के मदन पांडे ने इस बार लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हरिकेश बहादुर को लगभग एक लाख वोटों के अंतर से हरा दिया|

हालाँकि साल 1989 में महंत अवैद्यनाथ हिन्दू महासभा की तरफ से चुनाव लड़े और जनता दल के रामपाल सिंह को हरा दिया| साल 1991 और 1996 में वह भाजपा की तरफ से गोरखपुर से विजयी हुए| और तभी से इस सीट पर भाजपा के वर्चस्व का दौर शुरू हुआ|

साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ के शिष्य योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतरे और महज 26 साल की उम्र में सांसद बने| उन्होंने समाजवादी पार्टी के जमुना प्रसाद निषाद को हराया| साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में योगी एक बार फिर सपा के जमुना प्रसाद निषाद को हराने में सफल हुए| अगले लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने निषाद को पराजित करने का हैटट्रिक कायम किया|

साल 2009 में कांग्रेस सत्ता में एक बार फिर आ गई और डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ| लेकिन योगी आदित्यनाथ का विजयी रथ चलता रहा और वह चौथी बार चुनकर लोकसभा आए|

2014 में भाजपा 282 सीटें जीतकर सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने| गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ ने सपा प्रत्याशी राजमती निषाद को हरा दिया| तीन साल बाद भाजपा के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने और उन्होंने गोरखपुर संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया|

2018 में हुए उपचुनाव में सपा के प्रवीण निषाद ने सबको चौंका कर गोरखपुर में जीत हासिल कर लिया| उन्होंने भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21961 वोटों से हराया|

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