नई दिल्ली लोक सभा चुनाव 2024 : बीजेपी की बांसुरी स्वराज बनाम आप के सोमनाथ भारती के बीच चुनावी जंग

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नई दिल्ली लोकसभा सीट देश की राजधानी की सात संसदीय क्षेत्रों में से एक है| आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में दिल्ली की सभी सीटों पर मतदान 25 मई को होगा| इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपनी दिल्ली इकाई की सचिव बांसुरी स्वराज को मैदान में उतारा है| चालीस वर्षीय बांसुरी का एक और परिचय यह है की वह भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी हैं|

लोकसभा चुनाव 2024 में नयी दिल्ली से बांसुरी का चुनावी मुक़ाबला आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती से है| भारती अरविन्द केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री भी रहे हैं|

निर्वाचन आयोग के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में नयी दिल्ली लोकसभा सीट पर कुल 16,17,470 मतदाता थे| 2019 में कुल वोटर टर्न आउट 56.91 प्रतिशत था| यहाँ से वर्तमान में सांसद केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी हैं जिन्हे इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है|

पिछले चुनाव में लेखी ने 5,04,206 वोट और 54 .77 प्रतिशत वोट हासिल कर कांग्रेस के अजय माकन को हराया था| आम आदमी पार्टी के बृजेश गोयल को 1,50,342 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे| वहीँ नोटा को 150342 मत मिले थे|

2014 के लोकसभा चुनाव में मीनाक्षी लेखी ने पहली बार यहाँ से चुनाव जीता था| उन्हें 453350 वोट मिले थे और वोट प्रतिशत 46.73 था| वहीँ दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के आशीष खेतान थे जिन्हे 290642 वोट मिले थे| तीसरे स्थान पर तत्कालीन सांसद अजय माकन रहे थे|

नयी दिल्ली लोकसभा सीट का इतिहास

वर्तमान में इस लोकसभा सीट के अंतर्गत दस विधानसभा सीटें हैं| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक हैं| भारत में देश के पहले आम चुनाव 1951 -52 में हुए थे| नई दिल्ली में हुए चुनाव में किसान मज़दूर प्रजा पार्टी की सुचेता कृपलानी ने यहाँ से जीत दर्ज की थी| उसके बाद 1957 में भी वह विजयी हुई थीं|

1962 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मेहर चंद खन्ना ने भारतीय जन संघ के बलराज मधोक को हराया था| लेकिन उन्हें अगले चुनाव में भारतीय जन संघ के एम् एल सोंधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा|

1971 के आम चुनावों में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को विशाल जीत मिली थी| नई दिल्ली में कांग्रेस के मुकुल बनर्जी ने जन संघ के एम् एल सोंधी को 44,000 वोटों से ज़्यादा के अंतर से हराया|

वहीँ 1977 में कांग्रेस इमरजेंसी विरोधी लहर में सत्ता से बाहर हो गयी| जनता पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस के शशि भूषण को हराया था| अगले चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापस आ गई| इस सीट पर वाजपेयी ने कांग्रेस (इंदिरा) के सी एम् स्टीफेन को हराया था|

इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद उमड़े सिम्पथी वेव ने कांग्रेस को 404 सीट दिला दिया था| १९८४ के चुनाव में नई दिल्ली में कांग्रेस के कृष्ण चंद्र पंत ने भारतीय जनता पार्टी के कँवर लाल गुप्ता को 80,000 वोटों से ज़्यादा के अंतर से हराया था|

वहीँ 1989 में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई और जनता दल की सरकार बनी| नयी दिल्ली में भाजपा के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कांग्रेस प्रत्याशी वी मोहिनी गिरी को हराया था|

साल 1991 के लोकसभा चुनाव में राजीव गाँधी की हत्या से देश को बड़ा झटका लगा था| कांग्रेस को 244 सीटें मिली थी और पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में एक गठबंधन सरकार बनी थी| नयी दिल्ली में आडवाणी ने सुपरस्टार राजेश खन्ना, जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, को एक नज़दीकी मुक़ाबले में हरा दिया|

‘काका’ नाम से मशहूर राजेश खन्ना एक बार फिर 1996 लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली से मैदान में उतरे लेकिन इस बार भी सफलता नहीं मिली| उन्हें जम्मू और कश्मीर के पूर्व गवर्नर और भाजपा नेता जगमोहन ने हरा दिया|

जगमोहन ने 1998 में यह सीट फिर जीता और इस बार कांग्रेस के आर के धवन को हराया| धवन इंदिरा गाँधी के पर्सनल सेक्रेटरी हुआ करते थे| अगले आम चुनाव में देश में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनी| जगमोहन ने दूसरी बार धवन को हराया और लोकसभा पहुंचे|

2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा हार गई और 145 सीटें जीतकर कांग्रेस ने अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाई| इस बार कांग्रेस के अजय माकन ने जगमोहन को हरा दिया| अगले आम चुनाव यानि 2009 में कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आ गई| अजय माकन एक बार फिर जीतकर संसद में पहुंचे| उन्होंने भाजपा के विजय गोयल को हराया था|

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