लखनऊ लोकसभा चुनाव 2024 : नवाबों के शहर में भाजपा 1991 से अपराजित है, कब है मतदान?

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोकसभा चुनाव 2024 का मतदान 20 मई को होगा| राज्य में आम चुनाव के लिए वोटिंग सभी चरणों में होगी| लखनऊ लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं|

निर्वाचन आयोग के अनुसार लखनऊ लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में 2040367 मतदाता थे| यहाँ से वर्तमान सांसद राजनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूनम शत्रुघ्न सिन्हा को 285724 वोटों से हराया था| कांग्रेस के प्रमोद कृष्णन को 180011 मत मिले थे| राजनाथ सिंह को 56.64 प्रतिशत वोट मिले थे|

इस बार राजनाथ सिंह तीसरी बार लखनऊ से चुनावी मैदान में हैं| उनका सीधा मुक़ाबला समाजवादी पार्टी के लखनऊ सेंट्रल से विधायक रविदास मेहरोत्रा से है| इस सीट पर 1991 से भाजपा जीतती आई है|

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लखनऊ लोकसभा सीट का इतिहास
देश के पहले आम चुनाव 1951 -1952 में हुए थे| लखनऊ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल लोकसभा सीट से विजयलक्ष्मी पंडित ने विजय प्राप्त किया था| वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं| उन्होंने भारतीय जनसंघ के हर गोविन्द दयाल को पराजित किया था|

1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पुलिन बिहारी बनर्जी ने जनसंघ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को 12,000 वोटों से ज़्यादा के अंतर से हराया था| लेकिन वाजपेयी बलरामपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे|

1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 361 सीट जीती थी| लखनऊ में कांग्रेस के बी के धौं ने अटल बिहारी वाजपेयी को तीस हज़ार वोटों से ज़्यादा अंतर से हराया था|

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इसके बाद साल आया 1967 और कांग्रेस ने इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा| लगातार सोलह साल तक प्रचंड बहुमत से सत्ता पर काबिज़ रही कांग्रेस को इस बार 283 सीटें मिली| निर्दलीय प्रत्याशी ए एन मुल्ला ने कांग्रेस के वी आर मोहन को हराया|

लेकिन 1971 में कांग्रेस ने इंदिरा गाँधी के चुनाव में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया| लखनऊ में कांग्रेस की शीला कौल ने 71.61 प्रतिशत वोट हासिल कर जनसंघ के पुरुषोत्तम दास कपूर को हराया|

इंदिरा गाँधी के द्वारा लगाई गई इमरजेंसी से देशव्यापी नाराज़गी थी और कांग्रेस को सिर्फ 154 सीटें मिली और सत्ता से बाहर हो गई| लखनऊ में जनता पार्टी के हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस की शीला कौल को हरा दिया|

दो साल के अंदर जनता पार्टी की दो सरकारों के गिरने के बाद 1979 -80 में चुनाव कराए गए और कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में आई| इंदिरा गाँधी की कांग्रेस (आई) ने 353 सीट जीता| लखनऊ में शीला कौल ने जनता पार्टी के महमूद बट को हराया|

इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस ने 404 सीट जीतकर राजीव गाँधी के नेतृत्व में सरकार बनाया| शीला कौल ने लोकदल के मोहम्मद यूनुस सलीम को हराकर अपना तीसरा चुनाव जीता|

सन 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई और जनता दल ने विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाया| लखनऊ में हुए चुनावी मुक़ाबले में जनता दल के मान्धाता सिंह ने कांग्रेस के दाऊजी को हराया|

साल 1991 से लखनऊ में भाजपा ने पहली बार जीता और यह सिलसिला आज भी कायम है| अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस के रणजीत सिंह को एक लाख वोटों से ज़्यादा के अंतर से चुनाव जीता|

साल 1996 में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी और सरकार बनाई जो सिर्फ 13 दिन चली| वाजपेयी एक बार फिर विजयी हुए और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राज बब्बर को हरा दिया|

इन्द्र कुमार गुजराल की सरकार गिरी और देश में एक बार फिर चुनाव हुए| भाजपा ने 182 सीटें जीतकर वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनाई जो 13 महीने चली| तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी ने समाजवादी पार्टी के मुज़फ्फर अली को हरा दिया|

वाजपेयी की सरकार सिर्फ 13 महीनों में गिर गई और कारगिल युद्ध के बाद 1999 में फिर चुनाव हुए| भाजपा ने एक बार फिर 182 सीटें जीती और इस बार एनडीए की सरकार पुरे पांच साल चली| वाजपेयी ने लखनऊ में कांग्रेस के डॉ करण सिंह को हरा दिया|

2004 के चुनाव में कांग्रेस ने अप्रत्याशित जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की| वाजपेयी लखनऊ से अपना आखरी चुनाव जीत गए| उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मधु गुप्ता को हराया|

साल 2009 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस ने 206 सीटें जीतकर एक बार फिर सरकार बनाई| इस बार लखनऊ में भाजपा के लालजी टंडन जीतकर लोकसभा पहुंचे|

साल 2014 भाजपा 1984 के बाद अपने बल पर बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी| नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी| लखनऊ में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को हराया|

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