मुंबई नार्थ महाराष्ट्र के 48 लोकसभा सीटों में से एक है| राजधानी मुंबई की 6 सीटों में से एक मुंबई नार्थ में मतदान पांचवे चरण में 20 मई को होगा|
मुंबई नार्थ से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल को चुनावी मैदान में उतारा है| उनका मुक़ाबला कांग्रेस के भूषण पाटिल से होगा|
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के गोपाल शेट्टी ने 7,06,678 मत हासिल कर कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला मातोंडकर को हराया था| शेट्टी को 71.38 प्रतिशत वोट मिले थे| मुंबई नार्थ लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं- बोरीवली, दहिसर, मगाथाने, कांदिवली ईस्ट, चारकोप और मलाड वेस्ट|
मुंबई नार्थ लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत में 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में इस सीट को बॉम्बे सिटी नार्थ कहा जाता था| इस सीट से दो सांसद चुन कर आए थे- कांग्रेस के विट्ठल गाँधी और नारायण कजरोलकर|
भारत में दुसरे आम चुनाव 1957 में हुए| इस चुनाव में कांग्रेस 371 सीटें जीतकर दूसरी बार सत्ता में आई| बॉम्बे सिटी नार्थ में कांग्रेस के वी के कृष्णा मेनन चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे|
देश में 1962 के लोकसभा चुनाव में वी के कृष्णा मेनन एक बार फिर बॉम्बे सिटी नार्थ से विजयी हुए| उन्होंने निर्दलीय लड़ रहे जे बी कृपलानी को हराया| उसके बाद 1967 और 1971 लोकसभा चुनाव में यह सीट नहीं थी|
उसके बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के मृणाल गोर ने कांग्रेस प्रत्याशी रिद्वान हैरिस को हराया| साल 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (इंदिरा) प्रचंड बहुमत से एक बार फिर सत्ता में आई | जहाँ पूरे देश में जनता पार्टी का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा, बॉम्बे नार्थ में जपा प्रत्याशी रविंद्र वर्मा ने इस सीट को जीत लिया|
साल 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 404 सीटें जीत हासिल की| महाराष्ट्र में कांग्रेस को 48 में से 43 सीटें हासिल हुई| बॉम्बे नार्थ में कांग्रेस के अनूपचंद शाह ने तत्कालीन सांसद रविंद्र वर्मा (जनता पार्टी) को हराया|
साल 1989 में भारतीय जनता पार्टी के नेता राम नाईक यहाँ से चुनाव जीते और 2004 तक लगातार यहाँ से चुने गए| साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे फिल्मस्टार गोविंदा ने नाईक को हराकर एक बड़ा उलटफेर कर दिया|
साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने राम नाईक को हराकर लोकसभा में प्रवेश किया| लेकिन वह 2014 में अपनी सीट नहीं बचा पाए और भाजपा के गोपाल शेट्टी के हाथों हार गए|
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